रक्षाबंधन
वह लड़ते हैं, वह झगड़ते हैं,
कभी चिढ़ते हैं, कभी अकड़ते हैं,
पर फिर भी एक दूसरे पर,
अपनी जान छिड़कते हैं|
कभी एक दूसरे की शिकायत करते हैं,
कभी एक दूसरे को बचाते हैं,
गुस्सा होने का नाटक भले ही करें,
पर आखिर दोनों साथ खाते हैं|
भाई छोटा हो या बड़ा,
अपनी बहन पर एक आँच नहीं आने देता,
अपना सब कुछ उसे देने के बाद भी,
वह उससे प्यार के अलावा कुछ नहीं लेता|
बहन बड़ी हो या छोटी,
भाई को खूब नखरे दिखती है,
लेकिन माँ-बाप के बाद,
अच्छी बातें वही सिखाती है|
भाई बहन का रिश्ता अटूट होता है,
और एक दूसरे के लिए प्यार उनमें समान और सच्चा होता है,
इसीलिए 'प्रीत' मानती है की,
रक्षाबंधन का दिन हर भाई-बहन के लिए ख़ास और अच्छा होता है|
कवयित्री: दिनांक:
चैताली दी. सिन्हा २२ अगस्त २०२१
Happy Raksha Bandhan Chaitali.......very well written. Keep it up!
ReplyDeleteHappy raksha bandhan dear.
ReplyDeleteWell written.. ❤️
Very nice Chaitali 👌👌 Keep writing ❤ Happy Rakshabandhan 🤗
ReplyDeleteVery nicely penned, dear Chaitali. Well done.
ReplyDeleteबहुत अच्छा ... चैताली हमेशा लिखते रहना
ReplyDeleteVery Good. 👍
ReplyDeleteVery nice.well done👌👍
ReplyDeleteVery nice, keep it up.
ReplyDelete👌👌
ReplyDeleteSuperb
ReplyDeleteKeep it up 😉
💝👏💖💖🙏🙏
ReplyDeleteVery nice beta 👍🏻
ReplyDeletesuch a wonderful poet chaitali!!!!!keep it up!
ReplyDeleteअति सराहनीय|
ReplyDeleteशुभकामनायें