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Showing posts from August, 2022

कृष्ण के रूप

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माता देवकी और पिता वासुदेव के लिए हैं वो रक्षक , मामा कंस और अनेक राक्षसों के हैं वो भक्षक यशोदा मैया-नन्द राय की आँखों का है वो तारा , माखनचोर पुकारता जिसे नन्द गावों सारा | गोपियों के मन में है उसके लिए प्यार , राधा और रुक्मिणी को था जिनसे विवाह का इंतज़ार | सुभद्रा और बलराम के वो है भाई , द्रौपदी संग उन्होंने राखी की कथा रचाई | भीष्म भी हैं उनके भक्त , शिशुपाल चाहता था पीना उनका रक्त | दुर्योधन समझता था उन्हें कमजोर , शकुनि चाहता था अपने हाथों में उनकी डोर | अर्जुन के लिए थे वो मार्गदर्शक , अभिमन्यु के बने वो स्वयं शिक्षक | धृतराष्ट्र मानते थे उन्हें अपने पुत्रों का हत्यारा , आखिर शिवभक्तिनी के श्राप ने उन्हें मारा | किसी के लिए थे वो अच्छे और ज्ञानी , तो कुछ ने समझा उन्हें बुरा और पापी | पर नहीं समझ सका कोई उनका दुःख , सभी ने उनसे चाहा सिर्फ सुख | " प्रीत" का भगवान कृष्ण के हर रूप को नमस्कार , हैं जो इस सृष्टि के सृजनहार के आँठवे अवतार| कवयित्री:                                                                              दिनांक : चैताली दी. सिन्हा ( प्रीत)               

यह तिरंगा

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  तीन रंगों से मिलकर बना है हमारा तिरंगा , है जिसके रचनाकार श्री पिंगली वेंकय्या |   केसरी रंग दर्शाता है साहस और बलिदान , बढ़ाता है हमारे शहीदों का सम्मान |   सत्य और शांति का प्रतीक है रंग सफ़ेद , याद दिलाता है की , नहीं होना चाहिए किसी में भेद |   हरा रंग सिखाता है विश्वास और शिष्टता , प्रेरित करता है पाने के लिए सफलता |   बीच में है अशोक चक्र नीले रंग का , जो दिखाता है हमें धर्म का रास्ता |   गाँधी की खादी है यह तिरंगा , भगत सिंह की पगड़ी है यह तिरंगा |   जवानों का त्याग है यह तिरंगा , दुश्मनों की हार है यह तिरंगा |    यह तिरंगा कोई मामूली ध्वज नहीं , यह इनाम है खून की नदियों का जो अनेक शरीर से बहीं |    " प्रीत" के लिए सबकी शान है यह तिरंगा ' क्योंकी "भारत" देश की पहचान है यह तिरंगा |   कवयित्री:                                                           दिनांक : चैताली दी. सिन्हा                                            १५ अगस्त २०२२       

राखी की कहानियाँ

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जब वासुदेव के हाथ से खून बहा , द्रौपदी की आँखें हो गयी नम , फाड़ कर अपने पल्लू का टुकड़ा , जब उसने ज़ख्म पर बाँधा , स्वीकारा उसे , अपनी बहन , कहकर एक शब्द "अक्षम" |   देवी यमुना ने माना यम देवता को अपना भाई , बांधकर उन्हें एक पवित्र राखी , एक नयी कथा रचाई , और वे स्वयं  चिरंजीवी हुई |   पूरी करने शुभ-लाभ की इच्छा , श्री गणेश ने ली रिद्धि-सिद्धि की मदद , उत्त्पन्न की देवी संतोषी माँ , जिनसे हुए सभी लोग हर्षद |   राक्षस बली ने जब बनाया विष्णुजी को द्वारपाल , एक साधारण औरत के वेश में लक्ष्मीजी पहुंची उनके घर | बाँधकर उसे राखी, किया सुरक्षित और मालामाल , उपहार में माँग लिया अपना पति परमेश्वर |   बहादुर शाह से बचाने अपनी सल्तनत , रानी कर्णावती ने बादशाह हुमायूँ को राखी भेजी , पायी उनकी मदद से रानी ने अपनी ज़न्नत , हिन्दू और मुस्लिम के साथ की एक कहानी रची |   बचाने को सिकंदर के प्राण , रोक्साना ने माना महान राजा पौरस को अपना अग्रज , निभाने , भाई बहन का रिश्ता , पौरस ने छोड़ी अपनी शान , सिकंदर के दिल पर पौरस ने लहराया इंसानियत का ध्वज |   कहानियाँ गवाह है की भाई बहन का रिश्ता है पाक , ए